न देखो तुम मुझे, न देखूं मैं तुम्हें पर आज मैं तुम्हें देखती हूँ, तुम्हें सोचती हूँ, न देखो तुम मुझे, न देखूं मैं तुम्हें पर आज मैं तुम्हें देखती हूँ, तुम्हें ...
कि ये सब गवाह हैं, जिम्मेदार हैं, बस मेरी ख़ामोशी के, कि ये सब गवाह हैं, जिम्मेदार हैं, बस मेरी ख़ामोशी के,
अब धरती अपनी सब्र खो चुकी है, बदलना चाहती है अब अपना स्वभाव अब धरती अपनी सब्र खो चुकी है, बदलना चाहती है अब अपना स्वभाव
एक पतंग ला दो पापा जी मैं भी आज उड़ाऊँगा । एक पतंग ला दो पापा जी मैं भी आज उड़ाऊँगा ।